Wednesday, April 18, 2018

HINDI BAAL KAVITAYEN


1अकड़म-बकड़म

अकड़म-बकड़म ठंडम ठा।
याद आ गई माँ की माँ।
सूरज, तू जल्दी से आ।
धूप गुनगुनी ढ़ोकर ला।।
अकड़म-बकड़म ठंडम ठा।
ऐसे में मत कहो नहा।
सूरज, तू जल्दी से आ।
आ बिस्तर से हमें उठा।।
अकड़म-बकड़म ठंडम ठा।
गरमागरम जलेबी खा।
सूरज, तू जल्दी से आ।
आ बुढ़िया की जान बचा।।
अकड़म-बकड़म ठंडम ठा।
जा सर्दी अपने घर जा।।


आओ, प्यारे तारो आओ


2.आओ, प्यारे तारो आओ
तुम्हें झुलाऊँगी झूले में,
तुम्हें सुलाऊँगी फूलों में,
तुम जुगनू से उड़कर आओ,
मेरे आँगन को चमकाओ।


3.चूहा एक ऊँट पर चढ़,
झटपट चला बहादुरगढ़।
राह में गहरा ताल पड़ा,
चूहे का ननिहाल पड़ा।
चूहा खा-पी सो गया,
ऊँट नहाकर खो गया!

4.ओ री तितली, कहाँ चली तू,
कितनी अच्छी और भली तू!

खूब सँवरकर जब आती है,
रंगों का गाना गाती है।

फूल देखते रह जाते हैं,
खिल-खिल हँसते-मुसकाते हैं।

पंखों में उनकी खुशबू ले,
और हवाओं में बिखरा दे!



5.  यह कागज की नाव हमारी,
यह टब बना समुंदर भारी।
मुन्नी चुन्नी चम्पा भोला,
मोहन सोहन श्याम मुरारी।

इस सागर के खड़े किनारे,
हम सब संगी साथी प्यारे।
अपनी नाव चलाते हैं हम,
इधर न आ तू तेज हवा रे ।

हम सब भारत माँ चाकर,
हम सब वीर साहसी सुंदर।
बन्धन मुक्त करेंगे जग को,
सचमुच के जलयान चलाकर।

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